Happily Divorced With 0 Alimony Maintenance : पत्नी ने तलाक के लिए लगाए कई आरोप, शख्स ने बिना पैसे और वकील के यूं दिया Divorce

शख्स ने वकील की फीस बचाने के लिए खुद कानून की किताबें खंगालीं;

By :  Aryan
Update: 2025-07-31 11:36 GMT

नई दिल्ली। सोशल मीडिया रेडिट पर एक शख्स की कहानी अब चर्चा का विषय बन चुकी है। दरअसल एक शख्स ने बिना वकील की मदद लिए ही अपनी पत्नी द्वारा दायर किए गए मुकदमे को खुद से लड़ा, बल्कि जीत भी हासिल की।

खुशी-खुशी तलाक हुआ

रेडिट पर हाल ही में एक शख्स की कहानी खूब वायरल हो रही है। इस कहानी में एक आदमी ने अपने तलाक का केस बिना किसी वकील की मदद से खुद लड़ा और बिना कोई पैसा दिए ही तलाक भी ले लिया।

जीत की खुशी में उसने एक पार्टी की

केस के जीत की खुशी में शख्स ने एक पार्टी का आयोजन किया और केक भी काटा, जिस पर लिखा था, Happily Divorced With 0 Alimony Maintenance मतलब कि खुशी-खुशी तलाक हुआ, बिना कोई भरण-पोषण राशि दिए। इसके लिए शख्स ने कानूनी पढ़ाई की।

शख्स ने खुद को अदालत में पार्टी-इन-पर्सन के तौर पर पेश किया

रेडिट पर वायरल एक पोस्ट के मुताबिक, इस शख्स ने खुद को अदालत में पार्टी-इन-पर्सन के तौर पर पेश किया और अपनी हिम्मत और कानूनी समझ से सबको चौंका दिया। पोस्ट में लिखा गया कि शख्स और उसके माता-पिता पर पत्नी ने तीन गंभीर आरोप लगाए थे। धारा 498ए के तहत आरोप में पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता, घरेलू हिंसा, और सीआरपीसी 125- गुजारा भत्ता दावा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन इस शख्स ने वकील की फीस बचाने के लिए खुद कानून की किताबें खंगालींऔर खुद पर भरोसा रखते हुए अपने दम पर केस लड़ा।

रेडिट यूजर्स ने प्रतिक्रियाएं दी

रेडिट यूजर्स की प्रतिक्रियाएं बहुत तेजी से आने लगीं। कुछ लोगों ने कहा कि सिस्टम में पुरुषों के साथ हो रहे पक्षपात के खिलाफ बड़ी जीत हुई।

किसी मसीहा का इंतजार मत करो

पोस्ट में शख्श ने यह भी लिखा कि अब कई लोग मुझसे संपर्क कर रहे हैं, सलाह मांग रहे हैं। लेकिन उसने सबको यही सलाह दी कि किसी मसीहा का इंतजार मत करो, खुद कानून को समझो किसी एनजीओ से जुड़ो और अपने हक के लिए खुद खड़े हो जाओ।

जीरो हर्जाना और जीरो गुजारा भत्ता के साथ हुआ तलाक

एक रेडिट यूजर ने इस कहानी को साझा करते हुए लिखा कि तलाक, जीरो हर्जाना, जीरो गुजारा भत्ता। पोस्ट के मुताबिक, शख्स ने घरेलू हिंसा और सीआरपीसी 125 के मुकदमे रद करवा दिए और पत्नी को एक पाई भी गुजारा भत्ता नहीं मिला।

पत्नी ने 70 लाख रुपये की मोटी रकम मांगी थी

शख्स की पत्नी ने 70 लाख रुपये की मोटी रकम मांगी थी। ये रकम एक साल में घटकर 35 लाख हो गई। जबकि शख्स ने सिर्फ एक लाख रुपये की पेशकश की। तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद, पत्नी के वकीलों ने खुद संपर्क किया और आपसी सहमति से तलाक ले लिया।


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