ICICI Bank: पू्र्व CEO चंदा कोचर दोषी करार... 64 करोड़ लिया घूस, जानें क्या है पूरा मामला

पति दीपक कोचर की कंपनी में फंड भेजना ये सब नैतिकता के उल्लंघन को दिखाता है;

By :  Aryan
Update: 2025-07-22 08:19 GMT

नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने दोषी माना है। चंदा कोचर पर विडियोकॉन कंपनी को 300 करोड़ रुपये का लोन पास करने के लिए 64 करोड़ रुपये का घूस लेने का आरोप लगा था।

अपीलीय न्यायाधिकरण (Appellate tribunal) ने कहा

अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर को 64 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया गया है। कोचर ने ये रिश्वत Videocon ग्रुप को 300 करोड़ का लोन देने के बदले लिया था। ट्रिब्यूनल ने कहा कि ये पैसा चंदा के पति दीपक कोचर के जरिए, Videocon से जुड़ी एक कंपनी के माध्यम से दिया गया है। मतलब कुछ लेकर कुछ दिया गया है।

पैसे की हेराफेरी

जानकारी के मुताबिक, ICICI बैंक ने जैसे ही 300 करोड़ का लोन Videocon को दिया, अगले ही दिन Videocon की कंपनी SEPL से 64 करोड़ रुपये NRPL को ट्रांसफर किए गए। हालांकि कागजों पर NRPL का मालिक Videocon के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को दिखाया गया, लेकिन असल में इसे दीपक कोचर कंट्रोल करते थे, जो कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर भी थे। इसलिए ट्रिब्यूनल ने पैसों की हेराफेरी को सीधा रिश्वत करार दिया।

चंदा कोचर ने नैतिकता का उल्लंघन किया है

हम आपको बता दें, चंदा को ट्रिब्यूनल ने 2020 में एक अथॉरिटी के उस फैसले को भी गलत ठहराया, जिसमें चंदा और उनके साथियों की 78 करोड़ की संपत्ति को रिलीज कर दिया गया था। ट्रिब्यूनल के अनुसार अथॉरिटी द्वारा जरूरी सबूतों को नजरअंदाज किया गया है। जबकि ED ने मजबूत सबूतों के आधार पर संपत्ति जप्त की थी। चंदा कोचर का लोन पास करना, पैसे ट्रांसफर करना और पति दीपक कोचर की कंपनी में फंड भेजना ये सब नैतिकता के उल्लंघन को दिखाता है। इतना ही नहीं लोन पास करने वाली समिति के सदस्य के रूप में काम करते हुए, चंदा कोचर ने अपने पति के उधार लेने वाली कम्पनी के साथ बिजनेस संबंधों का खुलासा कभी नहीं किया। इससे बैंक के नियमों का सीधे तौर पर उल्लंघन होता है।


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