यदि विवाह में आ रही हो बाधा तो करें सोलह सोमवार का व्रत! शिव और पार्वती को ऐसे मानाएं...
सोलह सोमवार का व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए किया जाता है। यह एक लोकप्रिय व्रत है। इसे 16 सोमवार तक लगातार रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह व्रत मनचाहे वरदान, सुख-शांति और विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने और जीवन में स्थिरता लाने में सहायक होता है।
सोलह सोमवार व्रत का महत्व
भगवान शंकर एवं माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। मनोकामनाएं पूरी होती है। विवाह इच्छुक युवतियों के लिए यह व्रत विशेष फलदायी माना जाता है। परिवार में शांति व समृद्धि आती है।
व्रत कैसे करें
1. प्रातःकाल की तैयारी
स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर में शिवलिंग या शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। व्रत का संकल्प लें कि मैं भगवान शिव की कृपा के लिए सोलह सोमवार व्रत कर रही हूं।
2. पूजा की विधि
शिवलिंग पर जल, गंगाजल, दूध, दही, शहद (यदि चाहें तो पंचामृत),बेलपत्र, धतूरा, सफेद चंदन,सफेद फूल चढाएं। उसके बाद शिव चालीसा, शिव मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र या ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
3. सोमवार का व्रत
पूरे दिन व्रत रखें ,कई लोग निर्जला या फलाहार लेते हैं। इच्छा अनुसार सामान्य सात्त्विक भोजन भी शाम को लिया जा सकता है।
4. सोमवार शाम की पूजा
पुनः शिवजी की आरती करें। प्रसाद में फल, खीर, गुड़ या सफेद मिठाई चढ़ाएं।
5. 16वें सोमवार का उद्यापन
अंतिम सोमवार को विस्तृत पूजा करें। गरीब/ब्राह्मण को भोजन या दान दें। शिव-पार्वती की कथा पढ़ें।
सोलह सोमवार व्रत की कथा (संक्षेप में)
कथा में वर्णन है कि एक व्यापारी दंपति को संतान नहीं थी। उन्हें एक साधु ने 16 सोमवार व्रत करने का मार्ग बताया। उन्होंने श्रद्धा से व्रत किया और अंत में संतान प्राप्त हुई। इससे प्रेरणा मिलती है कि श्रद्धा एवं भक्ति से किए गए व्रत मनोकामना पूर्ण करते हैं।
जप करने हेतु मंत्र
ॐ नमः शिवाय
शिव गायत्री मंत्र