मासिक धर्म के दौरान पूजा या देव दर्शन करना सही या गलत, जानें प्रेमानंद महाराज जी ने क्या कहा

कुछ लोग मानते हैं कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का शरीर थोड़ा कमजोर हो जाता है,;

Update: 2025-12-03 04:00 GMT

वृंंजावन। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि मासिक धर्म में पूजा करना सही है या गलत। दरअसल, कुछ लोग मानते हैं कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का शरीर थोड़ा कमजोर हो जाता है, जिसके कारण उन्हें इस दौरान आराम करने के लिए कहा जाता है। लेकिन इस विषय पर प्रेमानंद महाराज जी क्या कहते हैं, आइए जानते हैं।

प्रेमानंद महाराज जी के विचार

मासिक धर्म को लेकर प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि शास्त्रों में इस बात का विशेष उल्लेख किया गया है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कोई भी पूजा अर्चना, मंत्र जाप या ईश्वरीय अनुष्ठान नहीं करना चाहिए। उनके लिए यह समय प्रतिबंधित है। महाराज जी का कहना है कि समस्त महिलाओं को इस समय साप्ताहिक अनुष्ठान बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। लेकिन महिलाएं इस समय भगवत चिंतन का गुणगान विशेष रूप से कर सकती है।

मासिक धर्म के दौरान प्रतिबंधित कार्य

प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि पीरियड के दौरान ग्रंथ पढ़ना, रसोई बनाना, ठाकुर जी की सेवा करना आदि समस्त कार्य पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है, ऐसी शास्त्र में मर्यादा है। यदि कोई महिला गृहस्थ जीवन में है, तो उसके शरीर को इस मासिक प्रक्रिया से गुजरना ही पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार, इन तीन दिनों में स्त्री को पूरी तरह से आराम करना चाहिए। प्रेमानंद महाराज जी ने मासिक धर्म के कुछ नियम बताए हैं जिसमें उन्होंने महिलाओं से कहा है कि तीन दिनों तक अपने मन में ठाकुर जी का नाम, भजन और भक्ति पूरे मन से करनी चाहिए। किसी भी अवस्था में भजन को बिल्कुल भी नहीं त्यागना चाहिए।

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