हे गंगे, आस्था की डुबकी कैसे लगाऊं! हरिद्वार में सूख रही हर की पौड़ी से टूट रहा लोगों का मन, जानें सूखने का कारण
श्रद्धालुओं को हर की पौड़ी पर गंगा स्नान, पिंड दान और अस्थि विसर्जन जैसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सूखे घाट पर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।;
हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार में पवित्र तीर्थ स्थल पर हर की पौड़ी पर आज मलतब शुक्रवार को गंगा नहर बंद होने की वजह से पानी की भारी किल्लत हो गई। इसके कारण यहां आए श्रद्धालुओं में उदासी छा गई। श्रद्धालुओं को हर की पौड़ी पर गंगा स्नान, पिंड दान और अस्थि विसर्जन जैसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सूखे घाट पर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
श्रद्धालुओं और पंडितों में दिखा रोष
गंगा की सूखी धारा की वजह से श्रद्धालुओं की आस्था को काफी ठेस लगी है। इसके साथ ही स्थानीय पंडितों और व्यापारियों में भी साफ तौर पर आक्रोश दिखा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि को न्यूनतम पानी रखा जाए, जिससे कि अनुष्ठान आदि में विघ्न न पड़े।
दशहरे पर गंगा नहर की सफाई के लिए रोका जाता है पानी
इस मामले में घाट पर रहने वाले पंडित जीतेंद्र शास्त्री ने बताया कि हर साल दशहरे पर गंगा नहर की सफाई के लिए पानी रोका जाता है। लेकिन अधिकतर दो फीट पानी छोड़ा जाता है ताकि श्रद्धालु स्नान और अनुष्ठान कर सकें। लेकिन इस बार गंगा नहर पूरी तरह से बंद कर दी गई है। इससे पिंड दान, अस्थि विसर्जन और अन्य धार्मिक कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। श्रद्धालु देश-विदेश से मां गंगा के प्रति आस्था लेकर आते हैं, लेकिन इस बार उन्हें मायूसी हाथ लगी है।
श्रद्धालुओं ने कहा- सूखा घाट देखकर मन टूट गया
इटावा से आए एक श्रद्धालु विनय कुमार ने कहा कि हम गंगा स्नान के लिए आए थे, लेकिन यहां डुबकी लगाने के लिए भी पानी नहीं मिला है। बांकी जगह गंदगी फैली है। यह बेहद दुखद अनुभव रहा। वहीं दूसरे श्रद्धालु ने बताया कि हर की पौड़ी में स्नान के लिए लोग हजारों किलोमीटर दूर से आते हैं, लेकिन सूखा घाट देखकर मन टूट गया है। प्रशासन को पहले ही सूचित करना चाहिए था।
गौरतलब है कि नवरात्रि जैसे पर्व पर हर की पौड़ी पर भारी भीड़ उमड़ती है। लेकिन पानी की कमी से धार्मिक कार्य बाधित हो गए साथ ही स्थानीय दुकानदारों और पूजा सामग्री विक्रेताओं का कारोबार भी प्रभावित हो गया।