ओला इलेक्ट्रिक के प्रमोटर भाविश अग्रवाल की ताबड़तोड़ बिकवाली, 3 दिन में 9 करोड़ से ज्यादा शेयर बेचे; शेयरों पर दबाव

एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, भाविश अग्रवाल ने गुरुवार को एक बल्क डील के जरिए ओला इलेक्ट्रिक के 2.83 करोड़ शेयर बेचे।;

Update: 2025-12-18 21:30 GMT

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयर इन दिनों भारी दबाव में हैं और इसकी एक बड़ी वजह कंपनी के प्रमोटर भाविश अग्रवाल की लगातार शेयर बिकवाली मानी जा रही है। एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, भाविश अग्रवाल ने गुरुवार को एक बल्क डील के जरिए ओला इलेक्ट्रिक के 2.83 करोड़ शेयर बेचे। यह सौदा 31.60 रुपये प्रति शेयर के भाव पर हुआ, जिसकी कुल वैल्यू करीब 90.27 करोड़ रुपये रही। इस बड़ी बिकवाली का असर शेयर बाजार में साफ दिखाई दिया और ओला इलेक्ट्रिक के शेयर गुरुवार को बीएसई पर 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31.28 रुपये पर बंद हुए।

यह पहली बार नहीं है जब कंपनी के प्रमोटर ने इतने बड़े पैमाने पर हिस्सेदारी बेची हो। पिछले तीन कारोबारी दिनों में भाविश अग्रवाल ने कुल 9.63 करोड़ शेयर बेच दिए हैं। बुधवार को उन्होंने 4.2 करोड़ शेयरों की बिक्री की थी, जिसकी वैल्यू लगभग 142 करोड़ रुपये बताई गई। इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को भी उन्होंने 2.6 करोड़ शेयर करीब 92 करोड़ रुपये में बेचे थे। इस तरह केवल तीन दिनों में बेचे गए शेयरों की कुल वैल्यू 324 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, 30 सितंबर 2025 तक ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में भाविश अग्रवाल की हिस्सेदारी 30.02 प्रतिशत थी। उस समय उनके पास 132 करोड़ से अधिक इक्विटी शेयर मौजूद थे। लगातार हो रही इस बिकवाली के बाद निवेशकों के बीच यह सवाल उठने लगा है कि प्रमोटर इतनी तेजी से शेयर क्यों बेच रहे हैं और इसका कंपनी के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा। हालांकि, कंपनी या प्रमोटर की ओर से अब तक इस बिकवाली के पीछे की वजह पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

शेयरों के प्रदर्शन की बात करें तो ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के निवेशकों के लिए पिछला एक साल काफी निराशाजनक रहा है। बीते एक साल में कंपनी के शेयरों में 67 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ चुकी है। 18 दिसंबर 2024 को ओला इलेक्ट्रिक का शेयर 96.42 रुपये पर था, जो 18 दिसंबर 2025 को घटकर 31.28 रुपये पर आ गया। यानी एक साल के भीतर शेयर ने अपनी कीमत का बड़ा हिस्सा गंवा दिया है।

साल 2025 की शुरुआत से अब तक भी ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में 63 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, पिछले छह महीनों में शेयर करीब 32 प्रतिशत टूट चुके हैं। सिर्फ एक महीने की अवधि में ही शेयरों में 25 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई है। कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 99.90 रुपये रहा है, जबकि 52 हफ्ते का निचला स्तर 30.79 रुपये तक गिर चुका है।

लगातार गिरते शेयर भाव और प्रमोटर की भारी बिकवाली ने बाजार में ओला इलेक्ट्रिक को लेकर नकारात्मक धारणा को और मजबूत कर दिया है। निवेशकों की नजर अब इस बात पर टिकी है कि कंपनी आगे अपने कारोबार, वित्तीय प्रदर्शन और निवेशकों का भरोसा लौटाने के लिए क्या कदम उठाती है। फिलहाल, ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में उतार-चढ़ाव और प्रमोटर की बिकवाली बाजार में चर्चा का बड़ा विषय बनी हुई है।

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