पीएम मोदी ने बिहार चुनाव से पहले आधी आबादी को किया गदगद! 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 7,500 करोड़ रुपये
नई दिल्ली। बिहार चुनाव से पहले बिहार की महिलाओं को पीएम मोदी एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। पीएम मोदी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना लॉन्च किया है। इस योजना के तहत, बिहार की 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये हस्तांतरित किए जा रहे हैं, जो 7,500 करोड़ है। पीएम ने कहा कि मुझे खुशियों में शामिल होने का मौका मिला है। GST पर NDA सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
RJD के राज में नक्सली हिंसा बेलगाम थी
पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि हर महिला को इस योजना का लाभ मिलेगा ही मिलेगा। अगर महिला इस रुपये से अच्छा काम करती है तो उसे दो लाख रुपये तक मिलेगा। इसकी मदद से मेरी बिहार की बहनें किराना, बर्तन, कॉस्मेटिक, खिलौने और स्टेशनरी जैसी छोटी-छोटी दुकानें खोल सकती हैं। पीएम ने कहा कि सबसे ज्यादा लखपति बिहार में होंगी। इससे महिलाएं आगे बढ़ सकती हैं। पीएम ने कहा कि सरकार दिन रात मेहनत कर रही है। साथ ही राजद पर वार करते हुए पीएम ने कहा कि पहले बिहार में सड़कें टूटी थीं। RJD के राज में नक्सली हिंसा बेलगाम थी। लालटेन राज में अराजकता थी। बिहार को अब उस अंधेरे में जाने नहीं देंगे। बिहार में कानून राज लौटा है। राजद राज में घर सुरक्षित नहीं था।
हम पूरे बिहार के लिए काम करते हैं
बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के शुभारंभ पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मैं महिलाओं से कहना चाहता हूं कि बहुत काम हो रहा है और प्रधानमंत्री आपके लिए काम कर रहे हैं। पिछली सरकार महिलाओं के लिए नहीं थी। क्या आपको पता है, जब उन्हें (लालू यादव को) हटाया गया, तो उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाया। उन्हें अपने परिवार की चिंता थी। हम अपने परिवार की नहीं देखते। हम पूरे बिहार के लिए काम करते हैं।
सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा
दरअसल, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इस योजना को बड़ा गेम चेंजर माना जा रहा है जबकि आरजेडी ने एनडीए सरकार की इस योजना को लेकर तंज कसा है। वहीं बिहार सरकार की इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और स्व-रोजगार एवं आजीविका के अवसरों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यह योजना राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और वे अपनी पसंद का रोजगार या आजीविका गतिविधियां शुरू कर सकेंगी। इससे आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।