बिहार में सियासत तेज! 9 अक्टूबर को पीके फोड़ेंगे नया बम,उम्मीदवार की पहली लिस्ट को लेकर कर सकते हैं बड़ा ऐलान
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान जल्द ही होने वाला है। वहीं चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में उथल-पुथल मचा हुआ है। साथ ही इस चुनाव में कई नई पार्टी भी उभर रही है। चुनाव से पहले सभी पार्टी तैयारियों में जुट गई है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। जिससे बिहार की सियासत में नया उफान आएगा। प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जन सुराज पार्टी ने आखिरकार अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी करने की तारीख का ऐलान कर दिया है।
सस्पेंस का अंत अब 9 अक्टूबर को होगा
जन सुराज पार्टी की ओर से हुई घोषणा के अनुसार, 9 अक्टूबर को पहली कैंडिडेट लिस्ट सार्वजनिक की जाएगी। यह घोषणा ऐसे वक्त में हुई है जब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान का इंतजार महज कुछ दिनों का रह गया है। दरअसल, 6 अक्टूबर के बाद कभी भी चुनाव आयोग चुनाव कार्यक्रम जारी कर सकता है। जन सुराज पार्टी की इस रणनीतिक चाल ने बिहार की राजनीति में एक नया तनाव पैदा कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल जो अब तक अनुत्तरित है, वह यह है कि क्या इस पहली सूची में पार्टी के सूत्रधार और राष्ट्रीय चर्चा के केंद्र में रहने वाले प्रशांत किशोर खुद का नाम शामिल करेंगे? पीके के चुनाव लड़ने या न लड़ने पर लटके सस्पेंस का अंत अब 9 अक्टूबर को होगा।
जन सुराज की पिछली रणनीति को भी स्पष्ट कर दिया
हालांकि प्रशांत किशोर पहले ही कह चुके हैं कि अगर पार्टी उनसे चुनाव लड़ने को कहेगी तो वह जरूर मैदान में उतरेंगे। ऐसे में, यह संभावना बनती है कि पहली लिस्ट में ही पीके किसी सीट से अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर सकते हैं, जिससे पार्टी के चुनावी अभियान को शुरुआत से ही एक मजबूत नेतृत्व मिल सके। इस घोषणा ने जन सुराज की पिछली रणनीति को भी स्पष्ट कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने सितंबर महीने में कहा था कि नवरात्र के आसपास सभी उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे।
243 सीटों के उम्मीदवार पेश नहीं करेगी
हालांकि, नवरात्र और दशहरे का पर्व समाप्त होने के बाद अब पार्टी ने चरणबद्ध तरीके से लिस्ट जारी करने का फैसला किया है। इससे साफ जाहिर है कि जन सुराज एक साथ सभी 243 सीटों के उम्मीदवार पेश नहीं करेगी, बल्कि अलग-अलग चरणों में अपनी रणनीति के मुताबिक लिस्ट जारी करेगी। जन सुराज पार्टी ने बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसका मतलब यह है कि वह सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन दोनों को सीधी चुनौती देने को तैयार है।