Ram Mandir Dhwajarohan 2025: क्यों खास है 44 मिनट का यह शुभ मुहूर्त, जानें राम मंदिर पर धर्मध्वज का क्या है धार्मिक महत्व?
अयोध्या। राम मंदिर पर फहराया जाने वाला धर्मध्वज सनातन धर्म, बलिदान और रघुवंश की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है। वहीं, ध्वजारोहण के लिए चुना गया 44 मिनट का शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त है, जो दिन का सबसे मंगलकारी समय माना जाता है।
धर्मध्वज का धार्मिक महत्व
दिव्यता और पवित्रता: हिंदू शास्त्रों के अनुसार, मंदिर के शिखर पर केसरिया (भगवा) ध्वज फहराने से मंदिर की पवित्रता और दैवीय शक्ति जागृत होती है।
संपूर्णता का प्रतीक: मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज का फहराया जाना मंदिर के निर्माण कार्य के पूरा होने और उसके पूर्ण रूप से प्रतिष्ठित होने का प्रतीक है।
राजवंशीय प्रतीक: यह ध्वज प्रभु राम के सूर्यवंश का प्रतिनिधित्व करता है। इस पर ॐ, सूर्य और कोविदार (कचनार) वृक्ष के प्रतीक अंकित हैं, जिनमें से सूर्य भगवान राम के वंश और ॐ शाश्वत आध्यात्मिक ध्वनि का प्रतीक है।
वैभव का प्रतीक: अयोध्या में राम मंदिर पर धर्म ध्वज का लहराना प्रभु श्री राम के वैभव और सनातन संस्कृति की विजय का प्रतीक माना जाता है।
44 मिनट के शुभ मुहूर्त का महत्व
अभिजीत मुहूर्त: राम मंदिर में ध्वजारोहण के लिए 11:45 बजे से 12:29 बजे तक का लगभग 44 मिनट का समय निर्धारित किया गया, जिसे अभिजीत मुहूर्त कहते हैं।
विष्णु जी द्वारा शासित: ज्योतिष के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त को भगवान विष्णु द्वारा शासित माना जाता है, जिसमें कोई दोष नहीं होता और यह सभी नए और मंगलकारी कार्यों की शुरुआत के लिए आदर्श माना जाता है।
विजय मुहूर्त: अभिजीत मुहूर्त को 'विजय मुहूर्त' भी कहा जाता है, जो किसी भी कार्य में सफलता सुनिश्चित करता है।
धार्मिक संबंध: माना जाता है कि भगवान राम का जन्म भी इसी अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। यही कारण है कि प्राण प्रतिष्ठा और ध्वजारोहण जैसे सभी प्रमुख और शुभ कार्यों के लिए इसी विशेष समय को चुना गया।
विवाह पंचमी का संयोग: यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 25 नवंबर को विवाह पंचमी भी है, जिस तिथि पर त्रेतायुग में भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था, जिससे इस मुहूर्त का महत्व और भी बढ़ जाता है।