सुप्रीम कोर्ट बंगाली भाषी प्रवासी कामगारों की हिरासत के मामले में सुनवाई को तैयार...
किसी भी आदेश के परिणाम उन लोगों के संबंध में दिया जाएगा जो वास्तव में सीमा पार से आए हैं;
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। दरअसल बंगाली भाषी प्रवासी कामगारों को बांग्लादेशी नागरिक होने के संदेह में हिरासत में लिया जा रहा है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत एवं न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि हिरासत के संबंध में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया गया है, साथ ही ये भी कहा कि किसी भी आदेश के परिणाम उन लोगों के संबंध में दिया जाएगा जो वास्तव में सीमा पार से आए हैं।
प्रवासी कामगारों से वास्तविक पहचान की पूछताछ की जा सकती है
आगे पीठ ने कहा, जिन राज्यों में ये प्रवासी कामगार काम करते हैं, उन्हें उनके मूल राज्य से उनकी वास्तविक पहचान के बारे में पूछताछ की जा सकती है। अगर हम कोई अंतरिम आदेश पारित करते हैं, तो इसके परिणाम खासकर उन लोगों के लिए होंगे, जो अवैध रूप से सीमा पार से आए हैं तथा जिन्हें कानून के तहत निष्कासित करने की आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा पर्यावरण की सुरक्षा जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विकास के काम करते समय पर्यावरण की सुरक्षा का ध्यान रखना भी जरूरी है। सीजेआई जस्टिस बीआर गवई व जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि राज्य को काटे गए पेड़ों की जगह नए पेड़ लगाने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी कहा था कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास पेड़ों की कटाई से यही प्रतीत होता है कि ये पूर्व नियोजित थी।