सर्दियों में क्यों जरूरी है 'सनशाइन विटामिन' D? इन लक्षणों से जानें कि कहीं आपमें इस विटामिन की कमी तो नहीं
नई दिल्ली। जैसे ही सर्दियां आती हैं, धूप कम निकलने और ठंडी हवाओं के कारण लोगों का बाहर निकलना कम हो जाता है, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी होने का खतरा बढ़ जाता है। 'सनशाइन विटामिन' के नाम से मशहूर यह पोषक तत्व शरीर की कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के लिए अनिवार्य है।
क्यों जरूरी है विटामिन डी?
हड्डियों की मजबूती: विटामिन डी कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में मदद करता है, जो मजबूत हड्डियों और दाँतों के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियाँ कमज़ोर होना) का खतरा बढ़ जाता है।
इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता): यह प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे शरीर सर्दियों में आम संक्रमणों और बीमारियों से बेहतर तरीके से लड़ पाता है।
मूड और ऊर्जा: विटामिन डी का स्तर कम होने से थकान, कमज़ोरी और यहाँ तक कि अवसाद (डिप्रेशन) के लक्षण भी दिख सकते हैं, जो सर्दियों के महीनों में अक्सर बढ़ जाते हैं।
कमी के सामान्य लक्षण
अगर आप लगातार थकान, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में कमज़ोरी, या बार-बार संक्रमण महसूस कर रहे हैं, तो यह विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है।
सर्दियों में कमी को कैसे करें दूर?
धूप कम होने के कारण, विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ़ धूप पर निर्भर रहना काफ़ी नहीं है। भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा पहले से ही इस कमी से प्रभावित है, जो सर्दियों में और गंभीर हो जाती है।
धूप सेंकना: हर दिन कम से कम 10 से 30 मिनट तक धूप में बैठना, खासकर सुबह के समय, विटामिन डी के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
आहार: अपने भोजन में विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे वसायुक्त मछली (सैल्मन, टूना), अंडे की जर्दी, मशरूम, और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ (जैसे दूध और कुछ अनाज) शामिल करें।
सप्लीमेंट्स (पूरक): डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेना सर्दियों में इसकी कमी को पूरा करने का सबसे व्यावहारिक और प्रभावी तरीका हो सकता है।