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ठंड में क्यों बढ़ जाती है सांस फूलने की समस्या, जानें बचाव के लिए सुझाव और कारण

ठंड बढ़ने के साथ ही लोगों को कई बिमारियां भी बढ़ जाती है। इसमें सबसे प्रमुख है सर्दियों में सांस फूलने की समस्या बढ़ने के कई वैज्ञानिक कारण हैं। जो मुख्य रूप से आपके फेफड़ों और हृदय पर ठंड के प्रभाव से जुड़े होते हैं।
1. वायुमार्ग का सिकुड़ना
ठंडी हवा सांस की नलियों (airways) में जलन पैदा करती है, जिससे वे सिकुड़ जाती हैं। इससे फेफड़ों तक हवा पहुंचने का रास्ता संकरा हो जाता है, जिससे सांस लेने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
2. बलगम (Mucus) का गाढ़ा होना
ठंड के मौसम में शरीर सुरक्षा के लिए अधिक बलगम बनाता है। लेकिन ठंडी हवा इस बलगम को गाढ़ा और चिपचिपा बना देती है, जिससे सांस की नलियों में रुकावट पैदा होती है और सांस फूलने लगती है।
3. शुष्क हवा
सर्दियों में हवा में नमी बहुत कम होती है। सूखी हवा फेफड़ों के नाजुक ऊतकों को सुखा देती है और उनमें सूजन या जलन पैदा करती है, जो अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के मरीजों के लिए घातक हो सकती है।
बढ़ता प्रदूषण और स्माग
ठंड में हवा भारी होती है, जिससे प्रदूषण के कण (dust, smoke) जमीन के करीब ही रह जाते हैं। यह "विंटर स्मॉग" फेफड़ों में जलन पैदा करता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता को कम कर देता है।
हृदय पर अतिरिक्त दबाव
ठंड में शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। रक्त वाहिकाएं (blood vessels) सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और फेफड़ों के साथ-साथ हृदय पर भी दबाव पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप सांस फूल सकती है।
संक्रमण और बीमारियां
सर्दियों में वायरस (जैसे फ्लू, सामान्य सर्दी) अधिक सक्रिय होते हैं। ये संक्रमण फेफड़ों में सूजन पैदा करते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ होना सामान्य है।
बचाव के लिए सुझाव
बाहर निकलते समय नाक और मुंह को स्कार्फ से ढकें ताकि फेफड़ों तक जाने वाली हवा पहले थोड़ी गर्म हो जाए।
घर के अंदर ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें ताकि हवा में नमी बनी रहे।
यदि आप अस्थमा या सीओपीडी के मरीज हैं, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपने इनहेलर का नियमित उपयोग करें।




