सत्यार्थ प्रकाश में हर समस्या का समाधान-आचार्या विमलेश बंसल

सत्यार्थ प्रकाश की महत्ता विषय पर गोष्ठी सम्पन्न;

Update: 2025-11-19 11:37 GMT

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान मे 'सत्यार्थ प्रकाश की महता' विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कोरोना काल से 748 वां वेबिनार था।वैदिक विदुषी आचार्या विमलेश बंसल दर्शनाचार्या ने कहा कि सत्यार्थ प्रकाश एक अमर ग्रन्थ है क्योंकि यह एक महान दूर दृष्टा और समाज सुधारक महर्षि दयानंद की अनुपम देन तो है ही,इसमें लिखा हुआ एक - एक शब्द चिर काल तक प्रत्येक प्राणी मात्र के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में काम आएगा।इन शब्दों की न कोई एक्सपायरी (काल वाहिका) है और न ही इनकी उपादेयता कभी कम होने वाली है।

सार्थक योगदान सुनिश्चित कर सकें

यह ग्रन्थ ईश्वर की अजर अमर वेद वाणी पर आधारित होने से सार्वजनीन, सार्वकालिक, सार्वभौमिक है। महर्षि दयानंद भक्त गुरुदत्त विद्यार्थी ने कहा था- इस ग्रन्थ को खरीदने के लिए यदि सारी संपत्ति भी बेचनी पड़े तो भी वह मूल्य इस पुस्तक के लिए कम होगा। संपूर्ण ब्रह्मांड के प्रत्येक व्यक्ति को इस अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश को अवश्य पढ़ना चाहिए जिससे वह अपने साथ स्व परिवार, समाज, राष्ट्र व समस्त जगत के कल्याण के लिए अपना सार्थक योगदान सुनिश्चित कर सकें।

प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया

मुख्य अतिथि राजश्री यादव व अध्यक्ष सुधीर बंसल ने भी इसे क्रान्तिकारी ग्रंथ बताया। परिषद् अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन किया व प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया। गायिका कौशल्या अरोड़ा, शोभा बत्रा, संतोष धर, प्रवीना ठक्कर, जनक अरोड़ा, रविन्द्र गुप्ता एवं कमला हंस आदि ने मधुर भजन सुनाए।

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