चौंकिए मत! दिमाग से कंट्रोल होगा iPhone और iPad! इस कमाल की तकनीक को लाने की तैयारी में Apple, जानें कैसे करेगी काम
यह तकनीक दिव्यांग यूजर्स को केवल अपने विचारों का उपयोग करके iPhone जैसे उपकरणों को नियंत्रित करने में सक्षम बना सकती है।;
नई दिल्ली। टेक्नोलॉजी की दुनिया में नए-नए अविष्कार होते रहते हैं, जो आम जीवन को आसान बनाने में हमारे लिए बेहद फायदेमंद भी साबित होते हैं। अब इसी कड़ी में Apple कंपनी भी एक दिमाग को हिला देने वाली तकनीक पर काम कर रहा है।
दरअसल, Apple एक ऐसी तकनीक पर काम कर रही है जो यूजर्स को अपने iPhone और iPad को दिमाग से कंट्रोल करने की सुविधा देगी। यह तकनीक दिव्यांग यूजर्स को केवल अपने विचारों का उपयोग करके iPhone जैसे उपकरणों को नियंत्रित करने में सक्षम बना सकती है। जानकारी के मुताबिक, कंपनी इस मानक को इस साल के अंत में डेवलपर्स के लिए उपलब्ध कराने की तैयारी में है।
कैसे करेगा काम?
इस विजन को जीवन में लाने के लिए, Apple ने न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी सिंक्रोन के साथ साझेदारी की है। दोनों मिलकर एक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (बीसीआई) सिस्टम पर काम कर रहे हैं जो यूजर्स को पूरी तरह से तंत्रिका गतिविधि के माध्यम से डिजिटल डिवाइस को नेविगेट और संचालित करने की सुविधा देता है। इससे टाइपिंग, स्वाइपिंग या टैपिंग जैसे इनपुट की आवश्यकता खत्म हो जाती है।
बीसीआई तकनीक व्यक्ति के दिमाग और बाहरी डिवाइस के बीच संचार की अनुमति देती है, जिससे मांसपेशियों की हरकत की जरूरत नहीं पड़ती। सिंक्रोन की बीसीआई डिवाइस, जिसे स्टेंट्रोड के नाम से जाना जाता है, को जुगुलर नस के जरिए डाला जाता है और मस्तिष्क के मोटर कॉर्टेक्स के पास रक्त वाहिका के अंदर रखा जाता है।
इन लोगों के लिए होगा बेहद लाभदायक
इस तकनीक में दूरगामी क्षमता है, खासकर एएलएस, रीढ़ की हड्डी की क्षति या स्ट्रोक से उबरने वाले लोगों के लिए। कई लोग जो हिलने-डुलने या बोलने की क्षमता खो चुके हैं, उनके लिए बीसीआई स्वायत्तता और उनके आस-पास की दुनिया के साथ बातचीत की नई भावना प्रदान कर सकता है। हालांकि, यह अभी तक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं है। इस तरह के नवाचार गंभीर शारीरिक विकलांगता वाले लोगों के जीवन को उनके पर्यावरण के साथ बेहतर संपर्क बनाने में बेहतर बना सकते हैं।