नेपाल में Gen-Z रिवोल्यूशन बना हिंसक! पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 9 छात्रों की मौत, 100 से अधिक घायल, काठमांडू में हालात बेकाबू, देखें वीडियो

काठमांडू में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं;

Update: 2025-09-08 10:02 GMT

नई दिल्ली। नेपाल की राजधानी काठमांडू की सड़कों पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। यहां लाखों की संख्या में Gen-Z सड़कों पर उतर आए हैं। वहीं सरकार के खिलाफ जमकर विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान हिंसा के चलते 9 लोगों की मौत हो गई जबकि 100 से ज्यादा घायल हैं। मिली जानकारी के अनुसार, 35 लोगों को गोली लगी है। प्रदर्शनकारी संसद भवन परिसर में घुस गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की है और आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया है।


सरकार के खिलाफ Gen-Z रिवोल्यूशन शुरू

बता दें कि नेपाल के विभिन्न शहरों में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ Gen-Z रिवोल्यूशन शुरू हुआ है। प्रदर्शनकारी सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर बैन लगाए जाने की वजह से भड़के हुए है। इस दौरान भ्रष्टाचार भी बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। बता दें कि नेपाल पुलिस का कहना है कि काठमांडू में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई।

हजारों प्रदर्शनकारी संसद भवन के नजदीक मौजूद

दरअसल, प्रदर्शनकारियों ने संसद के गेट पर तोड़फोड़ की है। काठमांडू में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। काठमांडू के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास के आसपास आर्मी तैनात की गई है। ताकि प्रदर्शनकारी इनके आवास में ना घुसे। वहीं 10 से 15 हजार प्रदर्शनकारी संसद भवन के नजदीक मौजूद हैं। काठमांडू के मुख्य जिला अधिकारी ने कहा कि अगर हालात बिगड़ते हैं, तो सुरक्षाबलों को सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा के लिए रबर की गोलियां चलाने की अनुमति दी गई है।

पीएम केपी ओली ने कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक बुलाई

वहीं नेपाल के पीएम केपी ओली ने युवाओं के डेलिगेशन को बातचीत के लिए बुलाया है। ओली कैबिनेट ने आज शाम 6 बजे कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक बुलाई है। इसमें निर्णायक फैसला लिया जा सकता है। हिंसा के बाद सरकार पर फैसला वापस लेने का दबाव है। सेंट्रल सेक्रेरेटेरियट के पास भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद हैं।

प्रदर्शनकारी बेरोजगारी, भ्रष्टाचार का सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं

बता दें कि प्रदर्शनकारी बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक मंदी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। विराटनगर, भरतपुर और पोखरा में भी प्रदर्शन हुए। पीएम केपी ओली की सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और X जैसे 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगा दिया था। इसको लेकर युवाओं का कहना है कि बैन की वजह से पढ़ाई और कारोबार प्रभावित हो रहा है।

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