UJJAIN: महाकाल बाबा को सजाया गया वैष्णव रूप में, भस्म आरती में श्रद्धालुओं ने की जय श्री महाकाल की उद्घोषणा...

पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है।;

Update: 2025-12-15 09:03 GMT

उज्जैन। आज पौष मास कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इस तिथि पर आज मतलब सोमवार सुबह में भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के दरबार मे हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने घंटों तक लंबी कतार में लगकर बाबा महाकाल के दर्शन किए। वहीं, आज बाबा को वैष्णव रूप में सजाया गया। भस्म आरती के दौरान भक्तों ने बाबा महाकाल के अनुपम श्रृंगार के दर्शन किए। मंदिर के पूरे परिसर में जय श्री महाकाल की उद्घोषणा की गई।

भक्तों ने सफला एकदशी के मौके पर किए बाबा के दर्शन

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित ने जानकारी दी कि श्री महाकालेश्वर मंदिर मे पौष माह कृष्ण पक्ष की सफला एकदशी तिथि पर आज सोमवार सुबह 4 बजे भस्म आरती हुई। इस दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लिया गया, उसके बाद मंदिर के पट खोले गए, वहीं पुजारियों ने गर्भगृह में जाकर पूजन किया। इस दौरान भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर मिलाकर पंचामृत के अलावा फलों के रस से किया गया। पूजन के दौरान सबसे पहले हरि ओम बोलकर जल अर्पित किया गया।

बाबा महाकाल को नया मुकुट धारण कराया गया

इस दौरान पुरोहितों ने बाबा महाकाल को आकर्षक रूप में सजाकर नया मुकुट धारण कराया, जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई। आज के श्रृंगार की खास बात यह थी कि आज एकादशी पर बाबा महाकाल का वैष्णव तिलक लगाकर शृंगार किया गया। बाबा महाकाल के इन दिव्य दर्शनों का लाभ हजारों भक्तों ने लिया और जय श्री महाकाल का उदघोष भी किया। ऐसी मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार स्वरूप में दर्शन देते हैं।

श्री महाकालेश्वर मंदिर दर्शन व्यवस्था

आरती समय सारणी

प्रथम भस्म आरती

समय - प्रातः 4 से 6 बजे तक

द्वितीय दद्योतक आरती

प्रातः 7:30 से 8:15 बजे तक

तृतीय भोग आरती

प्रातः 10:30 से 11:15 बजे तक

चतुर्थ संध्याकालीन पूजन

सांय 5:00 से 5:45 बजे तक

पंचम संध्या आरती

सांय 6:30 से 7:15 बजे तक

शयन आरती

रात्रि 10:30 से 11:00 बजे तक

पूजा-पाठ शुल्क

सामान्य पूजा 100 रुपए

शिव महिमा पाठ 200 रुपए

रूद्राभिषेक वैदिक पूजा 300 रुपए

शिव महिमा स्त्रोत 500 रुपए

रूद्राभिषेक 11 अवतरण रूद्र पाठ 1000 रुपए

लघु रूद्राभिषेक 3000 रुपए

महा रूद्राभिषेक 15000 रुपए

1.25 लाख महामृत्युंजय जाप 15000 रुपए

भांग शृंगार 1100 रुपए

सफला एकादशी व्रत का मतलब है सफलता

दरअसल पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसके जीवन के रुके हुए काम पूरे होने लगते हैं और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इसी कारण इस एकादशी का नाम सफला एकादशी पड़ा है।

शास्त्रों में सफला एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से पापों का नाश होता है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन अन्न का त्याग करने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं। सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और अंत में बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।

गौरतलब है कि भक्त श्री महाकालेश्वर मंदिर संबंधी जानकारी टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 18002331008 से ले सकते हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर से संबंधित महाकाल दर्शन आरती पूजन संबंधित जानकारी 24×7 इन नंबरों 0734-2559272, 2559277, 2559276, 2559275 पर प्राप्त कर सकते हैं।

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