शरद पूर्णिमा के मौके पर आज चंद्र देव को करें प्रसन्न! जानें भद्राकाल का साया कितने बजे होगा खत्म...
आज सभी 12 पूर्णिमा में से खास शरद पूर्णिमा है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शरद ऋतु की शुरुआत इसी दिन होती है। आज के दिन चांद की रोशनी में खीर रखने की परंपरा है।
श्री कृष्ण ने इस दिन महारास रचा था
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से युक्त होता है। इससे आज अमृत की वर्षा होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन रात में चांद की रोशनी में खीर रखकर खाना चाहिए। जिससे धन, प्रेम और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। कहते हैं कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने महारास रचा था।
शरद पूर्णिमा 2025 तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा का आरंभ आज दोपहर 12:24 बजे से होगा और समापन कल यानी 7 अक्टूबर को सुबह में 9:18 बजे होगा।
भद्रा काल का समय
इस साल शरद पूर्णिमा पर लगभग पूरे दिन भद्रा काल छाया रहेगा। भद्रा काल का आरंभ आज दोपहर 12:23 बजे से और समापन रात 10:53 बजे होगा। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो भद्रा काल में किसी भी शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान करने से परहेज करना चाहिए।
खीर रखने का शुभ समय
जानकारी के अनुसार, रात 10:54 बजे से 12:09 बजे तक खीर रखने का शुभ मुहूर्त रहेगा। भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही खीर रखना रखना चाहिए।
शरद पूर्णिमा पर उपवास रखने के नियम
इस दिन उपवास रखने वाले लोग फलाहार लेकर दिनभर व्रत रख सकते हैं। आज के दिन किसी को भी मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शिव जी पर जलाभिषेक जरूर करें। आज की रात चंद्र देव को भी अर्ध्य दें और उनके मंत्रों का 108 बार जाप करें। उसके बाद व्रत खोलें।
चंद्र देव के मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः।