शर्लिन चोपड़ा ने हटवाए नकली ब्रेस्ट, जानें ब्रेस्ट इम्प्लांट के 5 बड़े साइड इफेक्ट्स
एक्ट्रेस ने हाल ही में सोशल मीडिया पर खुद बताया कि उन्होंने अपने नकली ब्रेस्ट इम्प्लांट हटवा दिए हैं।;
बॉलीवुड एक्ट्रेस और मॉडल शर्लिन चोपड़ा फिर से चर्चा में हैं। अक्सर अपने बोल्ड लुक की वजह से सुर्खियों में रहने वाली शर्लिन इस बार एक अलग वजह से खबरों में आई हैं। एक्ट्रेस ने हाल ही में सोशल मीडिया पर खुद बताया कि उन्होंने अपने नकली ब्रेस्ट इम्प्लांट हटवा दिए हैं।
शर्लिन ने 11 नवंबर को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से शरीर के कई हिस्सों में दर्द महसूस कर रही थीं। डॉक्टरों से सलाह लेने पर पता चला कि इसका कारण उनके पुराने ब्रेस्ट इम्प्लांट थे। इसी वजह से उन्होंने इन्हें हटवाने का फैसला किया।
क्या होता है ब्रेस्ट इम्प्लांट
ब्रेस्ट इम्प्लांट एक कॉस्मेटिक सर्जरी है जिसमें सिलिकॉन या सलाइन जेल से बने नकली इम्प्लांट को ब्रेस्ट के अंदर फिट किया जाता है ताकि स्तनों का आकार बड़ा और आकर्षक लगे। यह सर्जरी कई महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय है, खासकर मॉडलिंग और फिल्म इंडस्ट्री में।
ब्रेस्ट इम्प्लांट के 5 बड़े साइड इफेक्ट्स
इंफेक्शन का खतरा:
सर्जरी के बाद अगर ठीक से देखभाल न की जाए, तो बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिससे सूजन, दर्द और बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं।
ब्रेस्ट में दर्द और सूजन:
कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट इम्प्लांट के बाद लगातार दर्द या सूजन की समस्या रहती है, जो शरीर की अस्वीकृति (रिजेक्शन) का संकेत हो सकता है।
इम्प्लांट फटने या लीक होने का खतरा:
समय के साथ सिलिकॉन या सलाइन इम्प्लांट फट सकते हैं, जिससे उनका पदार्थ शरीर में फैल सकता है और यह गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है।
स्किन में खिंचाव और निशान:
ब्रेस्ट की त्वचा पर अत्यधिक खिंचाव आने से स्ट्रेच मार्क्स और त्वचा ढीली पड़ सकती है, जिससे नेचुरल शेप खत्म हो जाता है।
बार-बार सर्जरी की जरूरत:
ब्रेस्ट इम्प्लांट को हर 8-10 साल में बदलवाना पड़ता है, जिससे न सिर्फ खर्च बढ़ता है बल्कि शरीर को बार-बार सर्जरी का सामना करना पड़ता है।
किन महिलाओं को नहीं करवानी चाहिए ब्रेस्ट इम्प्लांट सर्जरी
ऑटोइम्यून डिजीज से पीड़ित महिलाएं:
लूपस या रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी बीमारियों में इम्प्लांट से इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है।
एलर्जी या स्किन सेंसिटिविटी वाले लोग:
कुछ महिलाओं को सिलिकॉन या सलाइन पदार्थ से एलर्जी हो सकती है, जिससे रैशेज, खुजली या सूजन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
18 साल से कम उम्र की महिलाएं:
इस उम्र में शरीर पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे हार्मोनल असंतुलन और शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं:
हार्मोनल बदलाव के कारण सर्जरी का असर अनिश्चित हो सकता है और दूध ग्रंथियों पर असर पड़ सकता है।
थायराइड या हार्मोनल डिसऑर्डर वाली महिलाएं:
थायराइड, पीसीओडी या अन्य हार्मोनल समस्याओं में ब्रेस्ट इम्प्लांट के साइड इफेक्ट्स ज्यादा बढ़ जाते हैं।
शर्लिन चोपड़ा के इस कदम की कई लोगों ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि अब वह अपने शरीर और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रही हैं और चाहती हैं कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य को सुंदरता से ऊपर रखें।
शर्लिन का यह फैसला न केवल उनके फैंस के लिए प्रेरणादायक है बल्कि उन महिलाओं के लिए भी संदेश है जो बिना सोचे-समझे कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा लेती हैं।