टाटा एसेट मैनेजमेंट ने लॉन्च किया टाइटेनियम SIF! आज से न्यू फंड ऑफर खुला, जानें सब्सक्राइब की आखिरी तारीख

इस फंड का मकसद है कि बाजार में उतार हो या चढ़ाव, दोनों ही स्थिति में निवेशकों को कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न मिल सके।;

By :  Aryan
Update: 2025-11-24 16:00 GMT

नई दिल्ली। टाटा एसेट मैनेजमेंट ने टाटा म्यूचुअल फंड के तहत टाइटेनियम स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड की शुरुआत की है। इसे SIF स्कीम कहा जाता है। यह हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट स्ट्रैटजी शेयर, बॉन्ड और डेरिवेटिव्स को मिलाकर बनाई जाती है। दरअसल इस फंड का मकसद है कि बाजार में उतार हो या चढ़ाव, दोनों ही स्थिति में निवेशकों को कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न मिल सके।

SIF का न्यू फंड ऑफर

इस स्कीम का न्यू फंड ऑफर (NFO) आज यानी 24 नवंबर से खुल चुका है। इसको निवेशक 8 दिसंबर तक सब्सक्राइब करके रख सकते हैं। यह प्रोडक्ट उन निवेशकों के लिए है। जिन्हें जोखिम सहने की क्षमता अधिक होती है। इसमें कम से कम 10 लाख रुपये का निवेश जरूरी है।

हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट कैटेगरी के तहत है यह फंड

यह फंड हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट की कैटेगरी में आता है। जानकारी के अनुसार, फंड अपने पैसे का कम से कम 25% हिस्सा शेयर और बॉन्ड में लगाता है। फंड को शॉर्ट पोजिशन में अधिकतम 25% तक बिना हेज किए निवेश करने की अनुमति है।

REITs और InvITs में भी निवेश का मौका

यह रणनीति शेयर और डेरिवेटिव्स में लॉन्ग पोजिशन लेकर बाजार बढ़ने पर मुनाफा कमाने की कोशिश करती है, जबकि शॉर्ट पोजिशन और आर्बिट्रेज जैसी तकनीकों का इस्तेमाल बाजार गिरने पर नुकसान को सीमित करने में मदद करता है। इस फंड को REITs और InvITs में भी निवेश किया जा सकता है ताकि स्थिर आय प्राप्त हो सके।

SIF फ्रेमवर्क भारत में निवेश के तरीके को बदलता है

टाटा एसेट मैनेजमेंट के चीफ के अनुसार, SIF फ्रेमवर्क भारत में निवेश के तरीके को बदलता है और निवेशकों को अधिक स्मार्ट लेकिन नियंत्रित रणनीतियों का मौका देता है। इसका कारण है कि बाजार स्वभाव से अस्थिर होते हैं- लगभग 65% समय बाजार ऊपर रहता है और 35% समय या तो स्थिर रहता है या नीचे जाता है। ऐसे में निवेशक अक्सर बाजार के चढ़ने का इंतज़ार करते हैं। SIF की खासियत यह है कि यह हेजिंग और डेरिवेटिव्स की मदद से निवेशकों को बाजार गिरने या साइडवे रहने पर भी कमाई का मौका देता है। SIF की टाइटेनियम रणनीतियां भी इसी जरूरत को पूरा करने के मकसद से बनाई गई हैं।

गौरतलब है कि SIF फ्रेमवर्क बाजार के बदलते रुझानों के हिसाब से रणनीतियों में लचीलापन देता है। लॉन्ग और शॉर्ट पोजिशन को समझदारी से इस्तेमाल करने से फंड को जोखिम के मुकाबले बेहतर रिटर्न कमाने और बाजार में उतार-चढ़ाव को कंट्रोल किया जा सकता है।

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