जनगणना में हर व्यक्ति और जाति के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक, रोजगार, राजनीतिक पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए...सीएम सिद्धरमैया
राहुल जी के दृढ़ निश्चय ने मनुवादी मोदी सरकार को भारत में जातिगत गणना की न्यायोचित और संवैधानिक मांग के आगे झुकने पर मजबूर कर दिया।;
नई दिल्ली। कांग्रेस की अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) सलाहकार परिषद की आज बैठक हुई। जिसमें केंद्र से तेलंगाना जाति सर्वेक्षण के मॉडल के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित जातिगत गणना कराने का आह्वान किया गया। सिद्धरमैया ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद की बैठक में पारित तीसरे प्रस्ताव में कहा गया। कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(4) के अनुसार निजी शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए आरक्षण होना चाहिए।
क्या बोले सिद्धरमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व में हुई दो दिवसीय बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया। सिद्धरमैया ने बुधवार को बेंगलुरु में हुई परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें सिद्धरमैया ने परिषद में पारित प्रस्तावों को बेंगलुरु घोषणा नाम देते हुए कहा, 'जनगणना में प्रत्येक व्यक्ति और जाति के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक, रोजगार, राजनीतिक पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि दूसरा प्रस्ताव आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को समाप्त करने का था। जिससे शिक्षा, सेवा, राजनीतिक और अन्य क्षेत्रों में ओबीसी के लिए उपयुक्त आरक्षण सुनिश्चित हो सके।
निजी शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए आरक्षण होना चाहिए
सिद्धरमैया ने कहा कि बैठक में पारित तीसरे प्रस्ताव में कहा गया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(4) के अनुसार निजी शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए आरक्षण होना चाहिए। सलाहकार परिषद ने सर्वसम्मति से 'न्याय योद्धा' राहुल गांधी को समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए सामाजिक न्याय का मुद्दा उठाने के लिए धन्यवाद दिया।
राहुल गांधी के योगदान को श्रेय
सिद्धरमैया ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा, न्याय योद्धा राहुल गांधी जी के साहसी और अडिग नेतृत्व में, भारत सामाजिक सशक्तिकरण के अंतिम संवैधानिक उद्देश्य को साकार करने और प्राप्त करने के लिए नियत है। जिससे हमारे महान राष्ट्र में एक समतावादी और समान समाज का निर्माण होगा। सिद्धरमैया ने कहा, 'राहुल जी के दृढ़ निश्चय ने मनुवादी मोदी सरकार को भारत में जातिगत गणना की न्यायोचित और संवैधानिक मांग के आगे झुकने पर मजबूर कर दिया। भारत के सभी पिछड़े वर्गों की ओर से, परिषद हृदय से उनकी सराहना करता है और इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए राहुल गांधी के योगदान को श्रेय देता है।
फैसले को बताया मील का पत्थर
सिद्धरमैया ने जातिगत गणना को लेकर केंद्र की ओर से किए गए इस फैसले को मील का पत्थर बताया। साथ ही कहा कि यह भारतीय संविधान द्वारा परिकल्पित सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक छोटा सा कदम है।