मधुमेह आज के समय में एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। खराब जीवनशैली और तनाव के कारण कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। समय रहते इसके लक्षणों को पहचानना और जीवनशैली में बदलाव करना ही इससे बचने का एकमात्र प्रभावी तरीका है।
प्रमुख लक्षण (Symptoms)
यदि आपको नीचे दिए गए संकेत महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाएं
बार-बार पेशाब आना: विशेषकर रात के समय।
अत्यधिक प्यास और भूख: गला बार-बार सूखना और खाना खाने के बाद भी भूख लगना।
अचानक वजन कम होना: बिना किसी प्रयास के वजन का तेजी से गिरना।
थकान और कमजोरी: शरीर में ऊर्जा की भारी कमी महसूस होना।
धुंधला दिखाई देना: आंखों की रोशनी पर असर पड़ना।
घाव भरने में देरी: शरीर पर लगी चोट या खरोंच का जल्दी ठीक न होना।
बचाव के उपाय
शुगर को नियंत्रित करने या इससे बचने के लिए अपनी दिनचर्या में ये सुधार करें
संतुलित आहार: अपनी डाइट में हरी सब्जियां, साबुत अनाज और फाइबर युक्त भोजन शामिल करें। मीठे पेय पदार्थ और रिफाइंड शुगर से पूरी तरह परहेज करें।
नियमित व्यायाम: प्रतिदिन कम से कम 30-40 मिनट की वॉक, योग या एक्सरसाइज करें। इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है।
वजन नियंत्रण: बढ़ता वजन टाइप-2 डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण है। बीएमआई (BMI) को सामान्य बनाए रखने की कोशिश करें।
पर्याप्त नींद और तनाव मुक्ति: मानसिक तनाव शुगर लेवल को बढ़ाता है। 7-8 घंटे की गहरी नींद लें और तनाव कम करने के लिए ध्यान लगाएं।
नियमित हेल्थ चेकअप: 30 की उम्र के बाद साल में कम से कम एक बार अपनी ब्लड शुगर की जांच जरूर करवाएं।
विशेषज्ञ की सलाह: मधुमेह कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना अंगों (जैसे किडनी और दिल) को नुकसान पहुंचा सकता है। अनुशासन और सही खान-पान ही इसका सबसे बड़ा इलाज है।