कोहरे में हादसे रोकने की नई पहल: यूपी एक्सप्रेसवे पर वाहनों में लगेंगे रिफ्लेक्टर, स्कार्ट सिस्टम भी होगा लागू

पहले ही एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा तय की जा चुकी है और अब इसके बाद सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए वाहनों पर सुरक्षात्मक रिफ्लेक्टर लगाने का फैसला लिया गया है।;

Update: 2025-12-19 21:30 GMT

उत्तर प्रदेश में घने कोहरे और भारी धुंध के कारण एक्सप्रेसवे पर बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने एक और अहम कदम उठाया है। पहले ही एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा तय की जा चुकी है और अब इसके बाद सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए वाहनों पर सुरक्षात्मक रिफ्लेक्टर लगाने का फैसला लिया गया है। इस पहल का उद्देश्य रात और सुबह के समय कम दृश्यता की स्थिति में वाहनों को दूर से स्पष्ट दिखाना और टकराव की घटनाओं को रोकना है।

यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक कुमार ने इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश के चार प्रमुख एक्सप्रेसवे—आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे—पर यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इन सभी एक्सप्रेसवे के प्रवेश और निकास बिंदुओं को चिह्नित कर उनकी सूची परिवहन विभाग को भेज दी गई है, ताकि वहां अभियान चलाकर वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाए जा सकें।

यूपीडा के मुताबिक, कोहरे के मौसम में रात्रि के समय दृश्यता काफी कम हो जाती है, जिससे एक्सप्रेसवे और अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि एक्सप्रेसवे पर प्रवेश करने वाले सभी वाहनों पर सुरक्षात्मक संकेतक या रिफ्लेक्टर लगाए जाएं। इन स्थानों पर कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी, ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जा सके और यात्रियों को जागरूक किया जा सके।

यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा परिवहन विभाग को भेजे गए पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि एक्सप्रेसवे जिन-जिन जिलों से होकर गुजरते हैं, वहां के प्रवेश बिंदुओं पर विभागीय अधिकारियों के माध्यम से विशेष अभियान चलाया जाए। इस अभियान के तहत वाहन चालकों को रिफ्लेक्टर लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर मौके पर ही यह व्यवस्था कराई जाएगी।

इसके साथ ही, यूपीडा ने पुलिस विभाग के साथ भी समन्वय बढ़ाने का फैसला किया है। इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को भी पत्र भेजा गया है, जिसमें एक्सप्रेसवे पर कोहरे के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय अपनाने का आग्रह किया गया है। पत्र में यह भी सुझाव दिया गया है कि घने कोहरे के समय हर आधे घंटे या उपयुक्त अंतराल पर पर्याप्त संख्या में वाहनों को एकत्र कर स्कार्ट करते हुए समूह में आगे बढ़ाया जाए, ताकि वाहन एक-दूसरे के संपर्क में रहें और अचानक ब्रेक या टकराव की घटनाओं से बचा जा सके।

यूपीडा की ओर से इस पूरी प्रक्रिया के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी। सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी उपायों के समन्वय के लिए राजेश कुमार पांडेय को नोडल अधिकारी (सुरक्षा) नियुक्त किया गया है। उनके माध्यम से परिवहन विभाग और पुलिस विभाग के बीच तालमेल स्थापित किया जाएगा।

यूपीडा के इस फैसले को सड़क सुरक्षा के लिहाज से एक जरूरी और समयानुकूल कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि गति सीमा, रिफ्लेक्टर और स्कार्ट सिस्टम जैसे उपाय प्रभावी ढंग से लागू किए गए, तो कोहरे के मौसम में एक्सप्रेसवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।

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