‘मुख्य न्यायाधीश पहली बार महाराष्ट्र आए लेकिन...’ सीजेआई गवई ने प्रोटोकॅाल टूटने पर जताई नाराजगी

सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से उन्हें जिस प्रकार का स्नेह मिला है, वह आज के समारोह में अपने चरम पर था।;

Update: 2025-05-18 15:52 GMT

नई दिल्ली। महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय वकील सम्मेलन में सीजेआई बीआर गवई का भव्य सत्कार समारोह संपन्न हुआ। इस दौरान सीजेआई गवई ने भावुक होते हुए कहा कि वे सभी के प्रेम और सम्मान से अभिभूत हैं। इस अवसर पर सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से उन्हें जिस प्रकार का स्नेह मिला है, वह आज के समारोह में अपने चरम पर था और यह क्षण उनके लिए अविस्मरणीय बन गया है।

क्या बोले सीजेआई गवाई?

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश का चार्ज लेने के बाद वह पहली बार महाराष्ट्र पहुंचे थे। समारोह में उन्होंने महाराष्ट्र के लोकतंत्र, प्रशासन और न्यायिक व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह राज्य न केवल न्यायिक रूप से सशक्त है बल्कि समावेशी भी है।

इस दौरान सीजेआई ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों की अनुपस्थिति को लेकर महाराष्ट्र के प्रोटोकॅाल पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा कि जब भारत के मुख्य न्यायाधीश पहली बार राज्य की यात्रा पर आते हैं और राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुंबई पुलिस आयुक्त उपस्थित नहीं होते तो यह केवल प्रोटोकॉल का नहीं, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं के आपसी सम्मान का विषय है।

संविधान ही सर्वोच्च है- सीजेआई

उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष उन्हें देश के मुख्य न्यायाधीश बनने का अवसर मिला, यह उनके लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। साथ ही सीजेआई ने यह स्पष्ट किया कि संसद संविधान में संशोधन कर सकती है, लेकिन उसके मूल ढांचे को नहीं बदल सकती। न ही संसद, न कार्यपालिका और न ही न्यायपालिका कोई भी संविधान से ऊपर नहीं है। संविधान ही सर्वोच्च है। समारोह के अंत में उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद वे कोई पद स्वीकार नहीं करेंगे और आम नागरिकों के लिए सदैव उपलब्ध रहेंगे।

Tags:    

Similar News