अगर नहीं जा सकते गयाजी तो इन पवित्र जगहों पर करें पितरों का विधिपूर्वक श्राद्ध! पितरों को मिलेगी शांति

Update: 2025-09-07 02:30 GMT

नई दिल्ली। यदि आप गयाजी नहीं जा सकते, तो चिंता न करें, आप घर पर, पवित्र नदियों के तट पर, या अन्य धार्मिक तीर्थस्थलों जैसे वाराणसी, हरिद्वार, या नासिक में भी पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं। श्रद्धा और विधिपूर्वक किया गया तर्पण और पिंडदान घर पर भी पितरों को प्रसन्न कर सकता है, और पितरों के नाम पर दान व ब्राह्मण भोज कराना भी पुण्यकारी माना जाता है।

शाम के समय ना करें श्राद्ध

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध कभी भी शाम के समय नहीं करना चाहिए। पितृ पक्ष में श्राद्ध करने के लिए दोपहर का समय सबसे उत्तम माना जाता है।

अन्य पवित्र स्थान

वाराणसी और प्रयाग- इन पावन शहरों में भी पिंडदान व अन्य श्राद्ध कर्म किए जा सकते हैं, जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

हरिद्वार और नासिक- इन तीर्थ स्थलों पर भी पितरों का तर्पण व पिंडदान किया जा सकता है।

पुष्कर और तिरुपति- इन पवित्र स्थानों पर भी श्राद्ध करने से पितर तृप्त होते हैं।

घर पर श्राद्ध कैसे करें

1. तर्पण और पिंड दान- घर पर गंगाजल का छिड़काव करें। कुश की जूड़ी लेकर जल से भरे लोटे में डालें। पितरों का नाम लेते हुए जल चढ़ाएं। तिल, जल और जौ से पिंड बनाकर पितरों को अर्पित करें।

2. ब्राह्मण भोज- पितरों की तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।

3. दान-पुण्य- पितरों के नाम पर जरूरतमंदों को दान देना और दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है।

4. श्री हरि की पूजा- घर में श्री हरि की पूजा और सत्यनारायण कथा का पाठ करना चाहिए।

महत्वपूर्ण बातें

1. श्रद्धा और नियम- पितरों के लिए श्रद्धा और नियमपूर्वक की गई पूजा सबसे ज्यादा प्रभावी होती है।

2. नियम पालन- पितृपक्ष में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य न करें और किसी के साथ छल कपट न करें, क्योंकि इससे पितर नाराज हो सकते हैं।

पितृ पक्ष 2025 की तिथियां

पूर्णिमा श्राद्ध – 07 सितंबर 2025, रविवार

प्रतिपदा श्राद्ध – 08 सितंबर 2025, सोमवार

द्वितीया श्राद्ध – 09 सितंबर 2025, मंगलवार

तृतीया श्राद्ध – 10 सितंबर 2025, बुधवार

चतुर्थी श्राद्ध – 10 सितंबर 2025, बुधवार

पंचमी श्राद्ध – 11 सितंबर 2025, बृहस्पतिवार

महा भरणी – 11 सितंबर 2025, बृहस्पतिवार

षष्ठी श्राद्ध – 12 सितंबर 2025, शुक्रवार

सप्तमी श्राद्ध – 13 सितंबर 2025, शनिवार

अष्टमी श्राद्ध – 14 सितंबर 2025, रविवार

नवमी श्राद्ध – 15 सितंबर 2025, सोमवार

दशमी श्राद्ध – 16 सितंबर 2025, मंगलवार

एकादशी श्राद्ध – 17 सितंबर 2025, बुधवार

द्वादशी श्राद्ध – 18 सितंबर 2025, बृहस्पतिवार

त्रयोदशी श्राद्ध – 19 सितंबर 2025, शुक्रवार

मघा श्राद्ध – 19 सितंबर 2025, शुक्रवार

चतुर्दशी श्राद्ध – 20 सितंबर 2025, शनिवार

सर्वपितृ अमावस्या – 21 सितंबर 2025, रविवार

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