नए साल पर होगा नीतीश कैबिनेट में मंत्रिमंडल का विस्तार! सियासी हलचल तेज

Update: 2025-12-26 14:30 GMT

पटना। नए साल की शुरुआत के साथ ही बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली सरकार में 14 जनवरी को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। सत्तारूढ़ गठबंधन के दोनों प्रमुख JDU और BJP के बीच इस मुद्दे पर सहमति बन चुकी है। लंबे समय से खाली पड़े मंत्री पदों को भरने की तैयारी अब अंतिम चरण में मानी जा रही है, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। कहा

वर्तमान मंत्रिमंडल की स्थिति

वर्तमान समय में बिहार मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित कुल 24 मंत्री शामिल हैं जबकि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार राज्य में अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस लिहाज से अभी करीब 12 पद खाली हैं। यही वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं लंबे समय से जताई जा रही थीं। प्रशासनिक कार्यों का बोझ कम करने और विभिन्न विभागों को सुचारु रूप से चलाने के लिए नए मंत्रियों की नियुक्ति आवश्यक मानी जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जदयू और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच विचार-विमर्श पूरा हो चुका है। दोनों दल इस बात पर सहमत हैं कि अब सरकार को और मजबूत तथा संतुलित रूप देने की जरूरत है।

नए चेहरों को मिल सकती है जगह

मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार नए चेहरों को तरजीह दिए जाने की चर्चा है। जदयू और भाजपा दोनों अपने-अपने कोटे से ऐसे विधायकों को मंत्री पद देने पर विचार कर रहे हैं, जो संगठन के लिए सक्रिय रहे हैं और जिनकी अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ है। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाने और संगठन को मजबूती देने का प्रयास भी किया जाएगा। साथ ही यह संकेत भी दिया जाएगा कि मेहनत और निष्ठा का राजनीतिक लाभ मिलता है।

मंत्रिमंडल विस्तार और चुनावी रणनीति

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस विस्तार को आगामी चुनावी रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है। नए मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपकर सरकार जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। मंत्री बनने वाले विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को बेहतर ढंग से जनता तक पहुंचा सकेंगे। इससे गठबंधन दलों को राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद है।

नामों को लेकर अटकलें तेज

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हालांकि अभी तक किसी भी नाम की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है। कई विधायक मंत्री बनने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। बताया जा रहा है कि संभावित नामों की सूची पर केंद्रीय और प्रदेश स्तर पर मंथन चल रहा है। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बाद लिया जाएगा और राज्यपाल की मंजूरी से इस प्रक्रिया को औपचारिक रूप दिया जाएगा।

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