Sawan Special: शिव का पवित्र महीना, फिर भी क्यों नहीं की जाती सावन में शादी
नई दिल्ली। सावन का महीना, जिसे श्रावण भी कहा जाता है, भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र महीना है, लेकिन इस दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। कहते हैं कि जो भी इस माह में विधि-विधान से महादेव की पूजा-अर्चना करता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं, सावन के महीने में पूजा-पाठ और व्रत का बहुत ही अधिक महत्व होता है। हालांकि, पवित्र और महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी इस महीने में शादी-विवाह जैसे कई कार्यों को करने की मनाही होती है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि इतना पवित्र होने के बाद भी सावन में शादी जैसे शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि सावन में शादी क्यों नहीं होती है।
क्यों नहीं करते सावन में शादी
इसका मुख्य कारण यह है कि सावन का महीना चातुर्मास का एक हिस्सा है, जिसमें भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह जैसे शुभ कार्य भगवान विष्णु के आशीर्वाद से ही संपन्न होते हैं। जब भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं, तो विवाह जैसे कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसके अतिरिक्त, सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और यह भी माना जाता है कि भगवान शिव स्वयं विवाह समारोहों में शामिल नहीं होते हैं। इसलिए, सावन के महीने में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को टाल दिया जाता है।
जरूरी बातें
चातुर्मास- सावन चातुर्मास का एक हिस्सा है, जिसमें भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं।
विष्णु का आशीर्वाद- विवाह के लिए भगवान विष्णु का आशीर्वाद आवश्यक माना जाता है।
शिव का संबंध- भगवान शिव स्वयं विवाह समारोहों में शामिल नहीं होते हैं।