ये बेजुबान आत्माएं कोई 'समस्याएं' नहीं हैं जिन्हें मिटाया जा सके... आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राहुल गांधी ने दी प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे दशकों की मानवीय, विज्ञान समर्थित नीति से एक कदम पीछे बताया।;

Update: 2025-08-12 07:18 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से सभी आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे दशकों की मानवीय, विज्ञान समर्थित नीति से एक कदम पीछे बताया। वहीं उन्होंने कहा कि जानवर ऐसी समस्या नहीं हैं जिन्हें खत्म किया जा सके।

ये बेजुबान आत्माएं कोई "समस्याएं" नहीं

राहुल गांधी ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे बिना किसी क्रूरता के सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आश्रय, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल को अपनाएं। दरअसल, एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा कि दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश दशकों से चली आ रही मानवीय और विज्ञान-समर्थित नीति से एक कदम पीछे है। ये बेजुबान आत्माएं कोई "समस्याएं" नहीं हैं जिन्हें मिटाया जा सके।

जन सुरक्षा और पशु कल्याण साथ-साथ चलें

वहीं राहुल ने पोस्ट में आगे लिखा था कि आश्रय स्थल, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल सड़कों को बिना किसी क्रूरता के सुरक्षित रख सकते हैं। कंबल हटाना क्रूर, अदूरदर्शी है और हमारी करुणा को खत्म करता है। हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जन सुरक्षा और पशु कल्याण साथ-साथ चलें।

कुछ लोगों ने इस कदम को "राहत" बताया

दिल्ली-एनसीआर से आठ हफ्तों के भीतर सभी आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश ने जनता की राय में तीखा विभाजन पैदा कर दिया है। जहां कुछ लोगों ने इस कदम का "राहत" के रूप में स्वागत किया है जबकि कुछ ने इसकी आलोचना की है, चेतावनी दी है कि इससे मानव-कुत्ता संघर्ष और बिगड़ सकता है और इसे "अतार्किक" करार दिया है।

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