इधर भी ध्यान दें डोनाल्ड ट्रंप: अमेरिका में बच्चों की सेहत अन्य देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा खराब हो रही है-रिपोर्ट से खुलासा
रिपोर्ट सोमवार को जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में जारी किया गया;
नई दिल्ली। वर्तमान में अमेरिका के बच्चे पहले की अपेक्षा ज़्यादा मोटे हो गए हैं, साथ ही उनके बीमार होने के दर में भी बढ़ोतरी हो रही हैं। नई पीढ़ी के बच्चों के गंभीर बीमारियों की चपेट में आकर मरने की संभावना भी अधिक हुई है। तकरीबन 20 सालों से लगातार बच्चों की सेहत पर सबसे बड़ा अध्ययन करने के बाद ये रिपोर्ट सामने आई है।
बच्चों की सेहत पर हुआ शोध
यह रिपोर्ट सोमवार को जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में जारी किया गया। साल 2002 से अब तक के 8 different national sets की मदद से 170 से अधिक सेहत से जुड़े मामलों का विश्लेषण किया जा चुका है। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक फिलाडेल्फिया के Children Hospital के main writer क्रिस्टोफर फ़ॉरेस्ट ने कहा, डेटा से यही शो हो रहा कि बच्चों की सेहत लगातार खराब हो रही है।
Chronic Disease की पहचान
2 से 19 साल के बच्चों पर शोध किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि मोटापा 2007-08 में 17 प्रतिशत था, जो 2021-23 में बढ़कर 21 प्रतिशत हो गया। 1लाख से ज्यादा युवा रोगियों को कवर करने वाले इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड से पता चला है कि 2011 में 40 प्रतिशत बच्चों को लंबे समय तक चलने वाली बीमारी थी। 2023 में यह बढ़कर 46 प्रतिशत हो गई। इसमें चिंता, डिप्रेशन और नींद जैसी दिक्कतें मुख्य रूप से शामिल हैं।
अमेरिका में बच्चों की मौत की दर अधिक
अगर बात मृत्यु दर के आंकड़े की जाए तो अन्य धनी देशों ज्यादा हैं। अमेरिका में बच्चों की मौत की दर अन्य अमीर देशों (जैसे कनाडा, जर्मनी, जापान) के मुकाबले 1.8 गुना ज्यादा है। शिशुओं का समय से पहले जन्म लेना और शिशु मृत्यु इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई। वहीं अगर बड़े बच्चों की बात की जाए तो चोट लगना और सड़क दुर्घटनाएं मुख्य रूप से शामिल हैं।
Physical Activity पाई गई कमी
बच्चों में बढ़ते तनाव से डिप्रेशन, अकेलापन, नींद न आना, और शारीरिक गतिविधियों में कमी जैसे लक्षणों भी वृद्धि हुई। बच्चों पर सामाजिक की गतिविधियों का असर पड़ता है।
बाल रोग विशेषज्ञ फ्रेडरिक रिवारा और एविटल नथानसन ने कहा कि बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अहम कदम उठाने की जरूरत है। विशेषज्ञों के मतानुसार स्वास्थ्य बजट में कटौती, बुनियादी ढांचे को ठीक करने में देरी, या टीकाकरण का विरोध को बढ़ावा देने से हालात गंभीर हो सकते हैं।
योजना बनाकर बच्चों की सेहत पर ध्यान दिया जाए
सेहत में गिरावट के लिए सिर्फ एक वजह नहीं, बल्कि कई कारण हैं, जैसे- अधिक प्रोसेस्ड (डिब्बाबंद) खाना खाना। उचित इलाज की कमी। बच्चों के लिए असुरक्षित माहौल और बढ़ती आर्थिक असमानता। इसलिए सामुदायिक स्तर पर योजना बनाकर बच्चों की सेहत को सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में ध्यान दिया जाए। हालांकि अमेरिका स्वास्थ्य पर सबसे ज़्यादा खर्च करता है, फिर भी हकीकत कुछ और बयां कर रहा है।