Operation Sindoor: भारत-पाक के बीच कोई मध्यस्थ नहीं था...ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान
विदेश मंत्री ने कहा कि 10 मई को हमें पता लगा कि पाकिस्तान सीजफायर के लिए तैयार है, तो हमने कहा कि ये निवेदन पाकिस्तान की ओर से किया जाएगा। इसे लेकर अमेरिका से कोई कॉल नहीं आई। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 22 अप्रैल से 17 जून के बीच कोई बात नहीं हुई।;
नई दिल्ली। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस है। हमने UNSC में अपनी बात रखी। हमने दुनिया को बताया कि आतंकवाद पर हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है। UNSC ने आतंकवाद पर भारत का पक्ष माना। विदेश मंत्रालय का काम पाक की साजिश को बेनकाब करना था। हमें बहुत सख्त कदम उठाने पड़े।
पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा प्रतिबंध जारी रहेंगे
बता दें कि विदेश मंत्री ने कहा कि 193 देशों में से केवल तीन देशों ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया। हमारी डिप्लोमेसी के कारण ये संभव हुआ। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के बीच कोई मध्यस्थ नहीं था। पाकिस्तान ने सीजफायर के लिए पहल की। दुनिया में पाकिस्तान को बेनकाब किया। मुदीरके, बहावलपुर पर हमला कोई सोच भी नहीं सकता था। ब्रिक्स, क्वाड सबने पाकिस्तान को बेनकाब किया। वहीं उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी धरती से पनप रहे सीमा पार आतंकवाद का भारत का जवाब ऑपरेशन सिंदूर तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा प्रतिबंध जारी रहेंगे।
TRF पर पाकिस्तान की कोशिश नाकाम हुई
इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पहलगाम के बाद भारत दुनिया के साथ है। भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। TRF पर पाकिस्तान की कोशिश नाकाम हुई। TRF आज ग्लोबल आतंकी संगठन घोषित हुआ। अपने नागरिकों की रक्षा करना हमारा अधिकार है। पाकिस्तान सुरक्षा काउंसिल का सदस्य है हम नहीं हैं। हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के बारे में बताया कि जब उसने रेड लाइन को पार किया तब हमें सख्त कदम उठाने पड़े।
भारत-पाक के बीच कोई मध्यस्थ नहीं था
लोकसभा में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि 9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी को फोन किया। वेंस ने कहा कि पाक बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। पीएम ने कहा कि हम पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देंगे। भारत ने जिम्मेदारी से साथ पाकिस्तान को जवाब दिया। वहीं विदेश मंत्री ने इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया। जयशंकर ने कहा कि भारत-पाक के बीच कोई मध्यस्थ नहीं था। विदेश मंत्री ने कहा कि 10 मई को हमें पता लगा कि पाकिस्तान सीजफायर के लिए तैयार है, तो हमने कहा कि ये निवेदन पाकिस्तान की ओर से किया जाएगा। इसे लेकर अमेरिका से कोई कॉल नहीं आई। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 22 अप्रैल से 17 जून के बीच कोई बात नहीं हुई।