DELHI-NCR में जहरीली हवा न केवल मां बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास को भी कर रही बाधित! जानें बचाव के उपाय
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। डॉक्टरों और शोधकर्ताओं के अनुसार, जहरीली हवा न केवल मां बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास को भी बाधित कर रही है।
गर्भवती महिलाओं पर पड़ने वाले प्रमुख प्रभाव
समय से पहले प्रसव: IIT दिल्ली और अन्य संस्थानों की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अत्यधिक प्रदूषण के कारण प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा 70% तक बढ़ गया है।
शिशु का कम वजन: हवा में मौजूद PM 2.5 जैसे सूक्ष्म कण प्लेसेंटा के जरिए गर्भस्थ शिशु तक पहुंच रहे हैं, जिससे जन्म के समय बच्चे का वजन कम रहने की आशंका 40% बढ़ जाती है।
प्रजनन क्षमता और गर्भपात: प्रदूषण के कारण महिलाओं में अंडों की गुणवत्ता घट रही है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ने से मिसकैरेज (गर्भपात) के मामले भी बढ़ रहे हैं।
स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं: गर्भवती महिलाओं में सांस लेने में तकलीफ, उच्च रक्तचाप (Preeclampsia) और अत्यधिक थकान जैसी समस्याएं सामान्य से कहीं अधिक देखी जा रही हैं।
विशेषज्ञों की सलाह और बचाव के उपाय
अस्पतालों में ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जिन्हें प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत या घबराहट हो रही है। डॉक्टरों ने निम्नलिखित सावधानियों की सलाह दी है।
बचाव के तरीके
घर के अंदर रहें। सुबह और शाम के समय जब स्मॉग ज्यादा हो, बाहर निकलने से बचें।
एयर प्यूरीफायर। घर के अंदर हवा को शुद्ध रखने के लिए प्यूरीफायर का उपयोग करें।
खान-पान शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए खूब पानी पिएं और विटामिन-C युक्त आहार लें।
मास्क का प्रयोग बाहर जाते समय अनिवार्य रूप से N95 मास्क पहनें।